हैल्थ टिप्स  :  यूरिक एसिड – शरीर के लिए हानिकारक

पाठक विचार मंच: ✍️भूपेंद्र सारस्वत,बरेली। +91 80045 00123

 

 

शरीर में प्रोटीन की अधिकता से यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। इसकी अधिकता होने पर यह ब्लड के जरिए पैरों की अंगुलियों, टखनों, घुटनों कोहनी और कलाइयों की जोड़ों में जमा होने लगता है, जिससे जोड़ों में दर्द का सामना करना पड़ता है। ये आजकल आम समस्या है। कई लोग इस दर्द से परेशानी की शिकायत करते हैं। इस दर्द से राहत के लिए यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखना जरूरी होता है। इसके लिए कुछ जड़ी-बूटियों, आयुर्वेदिक अथवा होम्योपैथी की मदद ली जा सकती है।

 

गिलोए या गुडूची:  

 

यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है। गिलोय की ताजी पत्तियों को रात भर पानी में भिगोकर रखें। सुबह पत्तों को उबाल लें और छान कर पीएं। यह शरीर में पित्त की मात्रा को नियंत्रित करता है और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है।

                                                               

 काली किशमिश:

 

घुटनों से लेकर जोड़ों का दर्द में आराम के चांस हैं, यह हड्डियों की डेंसिटी बढ़ाता है। यूरिक एसिड के दर्द से राहत पाने के लिए काली किशमिश को रात भर भिगोकर रखें, और प्रतिदिन इसका सेवन करें। इससे जोड़ों के दर्द और गठिया से आराम मिल सकता है।

                                                                             

गुग्गुलः

 

 गूगल का सेवन भी आराम पहुंचा सकता है, गुग्गुल एंटी- ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। ये गुण जोडों के दर्द में राहत पहुंचाने का काम करते हैं। गुग्गुल का काढ़े के रूप से सेवन करना चाहिए।

 

मुस्ता या नागार्मोथा:                                                                         

 

मुस्ता के नाम से जाना जाने वाला हर्ब यूरिक एसिड को कंट्रोल करने का कारगर उपाय है। इसे रात भर पानी में भिगो कर रखने के बाद पीस कर पाउडर बनाकर सेवन करना चाहिए।   यह सभी टिप्स हैल्थ एक्सपर्ट एवम् होम्यो चिकित्सक डॉ रति सारस्वत जी से परामर्श के आधार पर प्रस्तुत हैं। यूरिक एसिड का इलाज़ आयुर्वेद के साथ-साथ होमियोपैथी में बहुत कारगर है, बशर्ते अपने पारिवारिक चिकित्सक से समय-समय पर मशविरा भा लेते रहें।  कुछ व्याधियों में योग का अपना भी महत्व होता है, यूरिक एसिड के नियंत्रण में योग के भी सुखद परिणाम मिले हैं। अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें व औरों को भी सजग करें।                                                                          

बाकी तो सब मोह-माया है ही।                          

Contact +91 80045 00123                                      

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.