पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल मोड में पटना के पाटलिपुत्र खेल परिसर में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का उद्घाटन किया

बिहार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी करके प्रधानमंत्री मोदी के खेल विजन को एक कदम आगे बढ़ाया है : डॉ. मनसुख मांडविया

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल मोड में आज बिहार में खेलो इंडिया युवा खेलों के सातवें संस्करण का उद्घाटन किया। प्रतियोगिता में 27 पदक स्पर्धाएं और एक प्रदर्शन खेल शामिल होंगे। इसका समापन 15 मई को होगा।

प्रधानमंत्री मोदी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा खडसे और बिहार सरकार एवं बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

यह बिहार द्वारा आयोजित पहला प्रमुख बहु-विषयक खेल आयोजन है। इन 27 पदक खेलों का आयोजन पांच शहरों पटना, राजगीर, भागलपुर, गया, बेगूसराय और नई दिल्ली में किया जा रहा है। इस वर्ष केआईवाईजी में पहली बार एशियाई खेल सेपक टाकरा को पदक प्रतियोगिता में शामिल किया जाएगा, जबकि ई-स्पोर्ट्स को एक प्रदर्शन कार्यक्रम के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। केआईवाईजी 2025 में 10,000 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इनमें 6,000 से अधिक एथलीट शामिल हैं।

बता दें कि इस वर्ष मार्च में भारतीय पुरुष सेपक टकरा टीम ने पटना में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेपक टकरा फेडरेशन (आईएसटीएएफ) विश्व कप में इतिहास में पहली बार स्वर्ण पदक हासिल किया था।

इस सफलता का पूरे देश में जश्न मनाया गया और खुद प्रधानमंत्री ने इस जीत की बधाई दी। पाटलिपुत्र खेल परिसर में यह जीत आईएसटीएएफ विश्व कप में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जहां चार महाद्वीपों के 21 देशों ने सात प्रतियोगिताओं में भाग लिया था।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि बिहार के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण समय है। इतिहास बताता है कि नालंदा और विक्रमशिला किस तरह से विश्व विख्यात ज्ञान केंद्र थे, उसी तरह अब यह भूमि नए खेल विकास केंद्रों के लिए जानी जाएगी। यह बिहार के लिए बहुत गर्व की बात है।

डॉ. मांडविया ने कहा कि ये खेल बिहार की छवि बदलने का एक अवसर है, क्योंकि यह राज्य बड़े आयोजनों की मेजबानी करने में सक्षम है। विकसित बिहार, विकसित भारत का हिस्सा है और अब बिहार की हर खेल प्रतिभा को एक मंच और अपना कौशल दिखाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि 2026 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रतिभा का समुचित विकास महत्वपूर्ण है, जिसकी मेजबानी भारत करना चाहता है।

बिहार खेलो इंडिया के मजबूत कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग रहा है। देश भर में 1048 खेलो इंडिया केंद्रों में से बिहार के सभी जिलों में 38 खेलो इंडिया केंद्र स्थापित किए गए हैं। पूर्व चैंपियन एथलीटों के नेतृत्व में इन केंद्रों ने जमीनी स्तर पर सहभागिता को मजबूत किया है।

ये खेलो इंडिया केन्द्र विभिन्न खेलों जैसे टेबल टेनिस, एथलेटिक्स, कुश्ती, फुटबॉल, हॉकी, भारोत्तोलन, तीरंदाजी, मुक्केबाजी, कबड्डी और वुशु आदि की पेशकश करते हैं। वर्तमान में इन केंद्रों में कुल 939 एथलीट (473 पुरुष, 466 महिलाएं) प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार के सहयोग से देश भर में 34 खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए हैं।
खेलों में बिहार की क्रमिक प्रगति का संकेत उत्तराखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों में देखने को मिला। बिहार ने एक स्वर्ण सहित 12 पदक जीतकर राष्ट्रीय खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।

डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि बिहार में खेलों के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं और प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि यही समय है और सही समय है। यह सब विशेष तरह के प्रशिक्षण, एथलीट-केंद्रित दृष्टिकोण और स्थानीय सहायता के कारण संभव हुआ है। हमें केवल धैर्य रखना होगा और समय आने पर प्रतिभा को चमकने देना होगा।

 

डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि रविवार को साइकिल चलाने का कार्यक्रम पूरे देश में जोर पकड़ रहा है। उन्होंने दोहराया कि मोटापे जैसी समस्याओं को दूर रखने के लिए फिटनेस के प्रति जागरूकता अनिवार्य है। खेल मंत्री ने यह भी कहा कि खेलो इंडिया कैलेंडर में नए कार्यक्रम शामिल किए जाएंगे जो अधिक समावेशी प्रकृति के होंगे।

डॉ. मांडविया ने कहा कि भविष्य में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स, दीव में तटीय खेल, दक्षिण भारत में खेलो इंडिया स्वदेशी गेम्स और छत्तीसगढ़ में जनजातीय गेम्स आदि आयोजित किए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि हम खेलो इंडिया के तहत इसी तरह कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे।

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