अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट विभाग द्वारा वार्षिक कला प्रदर्शनी 2025 का आयोजन
नई दिल्ली : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट विभाग के तत्वाधान में मुइनुद्दीन अहमद आर्ट गैलरी में वार्षिक कला प्रदर्शनी 2025 का आयोजन किया गया जिसके उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. नइमा खातून ने कहा कि यह प्रदर्शनी हमारे छात्रों की असीम रचनात्मकता और नवाचार का प्रतीक है, जो न केवल पारंपरिक कला रूपों का अन्वेषण कर रहे हैं, बल्कि कला अभिव्यक्ति की सीमाओं को फिर से परिभाषित करने के लिए प्रौद्योगिकी को भी अपना रहे हैं।
प्रो. खातून ने कला कार्यों में उत्साह और नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी छात्रों की क्षमता को दर्शाती है कि वे उभरती कला चुनौतियों का सामना कैसे कर रहे हैं और प्रौद्योगिकी द्वारा प्रदान किए गए विशाल रचनात्मक अवसरों का किस प्रकार उपयोग कर रहे हैं।
समारोह के मानद अतिथि सहकुलपति प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान ने प्रस्तुति की उच्च गुणवत्ता की सराहना की और आयोजकों को इस विस्तृत और आकर्षक प्रदर्शनी का आयोजन करने के लिए बधाई दी।
फैकल्टी ऑफ आर्ट्स के डीन प्रो. टी. एन. सतीसन, जो कार्यक्रम में मानद अतिथि के रूप में उपस्थित थे, ने फाइन आर्ट्स के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में, प्रौद्योगिकी केवल चुनौतियाँ नहीं बल्कि अभूतपूर्व अवसर भी प्रस्तुत करती है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि फाइन आर्ट्स के छात्र डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रभावी उपयोग कर अपनी रचनात्मकता को व्यक्त कर रहे हैं, जिससे पारंपरिक तकनीकों को आधुनिक उपकरणों के साथ जोड़ा जा रहा है।
फाइन आर्ट्स विभाग की अध्यक्ष डॉ. तलत शकील ने प्रदर्शनी के संतुलित स्वरूप को रेखांकित किया, जो छात्रों के विविध लेकिन समग्र कार्यों का एक प्रभावी संग्रह है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में फाइन आर्ट्स विभाग और विमेंस कॉलेज, एएमयू के फाइन आर्ट्स सेक्शन के छात्रों द्वारा बनाए गए कार्यों की प्रभावशाली श्रृंखला है, जो मुख्य रूप से पिछले दो सेमेस्टरों के दौरान तैयार की गई हैं।
उन्होंने कहा कि यह संग्रह लगभग 150 कलाकृतियों का है, जिसमें पारंपरिक और समकालीन रूपों का मिश्रण हैकृजिसमें पेंसिल और स्याही से चित्रण, जल रंग, तेल और ऐक्रेलिक चित्रकला, कोलाज, इंस्टॉलेशन आर्ट, प्रदर्शन कला और डिजिटल और वीडियो कार्य शामिल हैं।
मोईनुद्दीन अहमद आर्ट गैलरी की समन्वयक प्रो. बदर जहां ने बताया कि भाग लेने वाले छात्र समकालीन सामाजिक, राजनीतिक और पर्यावरणीय मुद्दों से रचनात्मक रूप से जुड़ने के लिए नई दृश्यात्मक शब्दावली और वैचारिक ढांचे अपना रहे हैं, जिससे प्रदर्शनी बौद्धिक रूप से उत्तेजक और दृश्यात्मक रूप से आकर्षक बन रही है।
प्रो. कुलपति और प्रो-वीसी ने छात्रों के उत्कृष्ट कार्यों को प्रोत्साहित करने के रूप में तीन उत्कृष्ट कलाकृतियों के लिए 10 हजार रूपये का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. वसीम मुश्ताक ने छात्र कलाकारों द्वारा प्रदर्शित पारंपरिक और प्रयोगात्मक दृष्टिकोणों के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शनी 5 मई से 11 मई 2025 तक जनता के लिए खुली रहेगी, जिससे कला प्रेमियों और विश्वविद्यालय समुदाय को एएमयू के नवोदित कलाकारों की रचनात्मक उपलब्धियों को देखने का अवसर मिलेगा।