अमुवि कर्मियों के लिए राजभाषा हिंदी के प्रयोग को लेकर कार्यशाला आयोजित

नई दिल्ली  : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हिन्दी प्रकोष्ठ द्वारा आज प्रशासनिक ब्लाक के कांफ्रेंस हाल में सरकारी कार्यालयों में राजभाषा हिन्दी का प्रयोग एवं चुनौतियों विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय के प्रशासनिक खंड में स्थित समस्त कार्यालयों के अनुभाग अधिकारी व अन्य कर्मियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अमुवि कुलसचिव मोहम्मद इमरान आईपीएस ने कहा कि विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषा का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है लेकिन इसको समर्पित भाव से और अधिक गति प्रदान किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि वह हिन्दी की प्रशासनिक शब्दावली में निपुणता एवं पारंगता हासिल करें ताकि पत्राचार और पत्रावलियों में सटीक टिप्पण के कार्य को बेहतर ढंग से किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालायें व्यापक रूप से अन्य स्थानों पर भी आयोजित की जानी चाहिए।

उन्होंने बहुत ही रोचक ढंग से हिन्दी में बात करते हुए हिन्दी में कार्य करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया।

मुख्य वक्त हिन्दी विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. शंभुनाथ तिवारी ने कहा कि राजभाषा हिन्दी में कार्यालयी काम-काज करना आसान है और यह समय की आवश्यकता भी है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के कार्यालयों में हिन्दी में कार्य करने के लिए संबधित कर्मचारियों को प्रेरित और प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। राजभाषा के रूप में आज मानक हिन्दी का प्रयोग किया जाता है जो आसान भी है और सहज भी। आवश्यकता इस बात की है कि बिना झिझक और रूकावट के  हिन्दी में सरकारी कामकाम करने की।

प्रो. तिवारी ने राजभाषा हिन्दी के व्यापक प्रयोग एवं उसमें आने वाली कठिनाइयों पर विस्तार से अपनी बात रखी और कहा कि राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रयोग में बेशक चुनौतिया हैं, पर हिन्दी में कार्य करने की रूचि और क्षमता का विस्तार कर धीरे धीरे इसमें दक्ष हुआ जा सकता है।

विश्वविद्यालय के हिन्दी अधिकारी (हिन्दी प्रकोष्ठ) असद उल्लाह खान ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजभाषा संबंधी नियमों की जानकाी दी और कार्यालयों में हिन्दी का अधिक से अधिक कैसे प्रयोग हो के बारे में बताया।

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