एएमयू के सतत एवं प्रौढ़ शिक्षा केंद्र में “माँ और शिशु देखभाल” पर व्याख्यान आयोजित

नई दिल्ली : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सतत एवं प्रौढ़ शिक्षा एवं विस्तार केंद्र (सीसीएईई) द्वारा “माँ और शिशु देखभाल” विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसे जेएन मेडिकल कॉलेज, एएमयू के बाल रोग विभाग के प्रो. एस. मनाज़िर अली ने संबोधित किया।

अपने व्याख्यान में प्रो. अली ने भारत में मातृ और शिशु स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं। उन्होंने बताया कि देश में प्रति वर्ष लगभग 2.7 करोड़ महिलाएं गर्भवती होती हैं, जिनमें से 2.6 करोड़ जीवित शिशुओं को जन्म देती हैं। उन्होंने बताया कि भारत में मातृ मृत्यु दर प्रति 1 लाख जीवित जन्मों पर 97 है, शिशु मृत्यु दर प्रति 1 हजार जीवित जन्मों पर 27.69 है, नवजात मृत्यु दर 24.9 और पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 41.9 है।

प्रो. अली ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रसव के दौरान महिलाओं को केवल अस्पताल के बिस्तर पर स्थिर रहना ही एकमात्र विकल्प नहीं है; चलने-फिरने की स्वतंत्रता से जन्म अनुभव अधिक सकारात्मक हो सकता है। उन्होंने नवजात पीलिया (नीओनेटल जॉन्डिस) के बढ़ते मामलों और प्रसव के बाद अस्पताल में कम समय रुकने की प्रवृत्ति पर भी चर्चा की। इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि नवाचारपूर्ण निदान और प्रबंधन पद्धतियाँ अपनाने की आवश्यकता है ताकि पुनः भर्ती से बचा जा सके।

केंद्र के निदेशक डॉ. शमीम अख्तर ने अतिथि वक्ता का स्वागत किया और कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन दिया।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.