जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने 50 से अधिक सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों के प्रिंसिपलों को एक्सपोजर विजिट के लिए आमंत्रित किया
नई दिल्ली : जामिया मिल्लिया इस्लामिया द्वारा दिनांक 24-25 अप्रैल, 2025 को पूरे भारत के सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों के 50 से अधिक प्रिंसिपलों के लिए दो दिवसीय एक्सपोजर विजिट का आयोजन किया गया।
यह विजिट राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अंतर्गत शिक्षा मंत्रालय की पहल का हिस्सा थी, जिसमें सीबीएसई कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ सहयोग करता है। इसका उद्देश्य स्कूल लीडरों को सर्वोत्तम प्रथाओं, नवीन संसाधनों और भविष्य के सहयोग के अवसरों के बारे में जानकारी देना था, जिससे स्कूल के पाठ्यक्रम में कौशल शिक्षा के एकीकरण को बढ़ावा मिले।
कार्यक्रम की शुरुआत जामिया मिल्लिया इस्लामिया के विभिन्न संकायों, विभागों, केंद्रों द्वारा पेश किए जा रहे विविध कार्यक्रमों को प्रस्तुत करने वाले उद्घाटन सत्र से हुई। जामिया के माननीय कुलपति प्रो. मजहर आसिफ और कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी के नेतृत्व में एक्सपोजर सत्रों की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई, जिससे प्रतिभागियों को कौशल विकास में विश्वविद्यालय की पहलों का व्यापक अवलोकन प्राप्त हुआ।
इस कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. मोहम्मद फैजुल्लाह खान, एसोसिएट प्रोफेसर और जामिया स्कूलों के सम्मानित प्रिंसिपलों – डॉ. मोहम्मद अरशद खान, सुश्री शगुफ्ता, सुश्री अंजुम, सुश्री नुसरत, सुश्री रुक्साना और श्री कुतुबुद्दीन ने किया।
दो दिनों के दौरान प्रतिभागियों ने विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किए जा रहे कई प्रमुख कौशलों की खोज की और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में व्यावसायिक शिक्षा केंद्रों का दौरा किया, जिसमें सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप, सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन, सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी (सीआईएफ), एजेके मास कम्युनिकेशन एंड रिसर्च सेंटर, यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी, सेंटर फॉर कोचिंग एंड करियर प्लानिंग, फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन और जामिया स्कूल शामिल हैं।
प्रत्येक केंद्र पर पेश किए जाने वाले कौशल-आधारित कार्यक्रमों को प्रदर्शित करने वाली विस्तृत प्रस्तुतियाँ, साथ ही सुविधा भ्रमण और सम्मानित निदेशकों एवं संकाय सदस्यों के साथ संवादात्मक सत्रों ने यात्राओं को अद्वितीय रूप से व्यावहारिक तथा उपयोगी बना दिया।
एक विशेष बातचीत सत्र में, प्रोफेसर मजहर आसिफ, माननीय कुलपति जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने कौशल विकास के महत्व पर बल दिया और अपनी वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा पूरी करने से पहले “हर छात्र के लिए एक हुनर (कौशल)” सुनिश्चित करने के लक्ष्य को दोहराया।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने शिक्षा प्रदान करने में मातृभाषा (क्षेत्रीय/स्थानीय भाषा) की महत्वपूर्ण भूमिका पर रोशनी डाली, विशेषकर कौशल विकास के क्षेत्र में।
सीबीएसई के प्रशिक्षण और कौशल शिक्षा के निदेशक डॉ. बिस्वजीत साहा ने भी प्रतिभागियों से बातचीत की। उन्होंने इस प्रकार के एक्सपोजर दौरों के महत्व को रेखांकित किया और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया।
सीबीएसई ने समन्वयक डॉ. मोहम्मद फैजुल्लाह खान और पूरे जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रशासन को उनके उत्कृष्ट और सुचारू सहयोग एवं सक्रिय समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। औपचारिक प्रशंसा पत्र में, सीबीएसई ने कहा, “यह एक्सपोजर दौरा निश्चित रूप से स्कूल के लीडरों को कौशल शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा में एकीकृत करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ और अधिक सहयोग करने तथा युवा पीढ़ी के कौशल एवं दक्षता को उन्नत करने के लिए उन्नत प्रक्रियाओं व तकनीकों को अपनाने में सहायता करेगा।”
इससे बढ़कर, सीबीएसई और जामिया मिल्लिया इस्लामिया दोनों ने भविष्य के लिए तैयार शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए आगे के सहयोग तथा नेटवर्किंग पहलों को बढ़ावा देने में गहरी रुचि व्यक्त की।