एएमयू कुलपति ने प्रख्यात इस्लामी विद्वान मौलाना ग़ुलाम मोहम्मद वस्तानवी के निधन पर शोक व्यक्त किया
नई दिल्ली : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की कुलपति प्रोफेसर नइमा ख़ातून ने प्रख्यात इस्लामी विद्वान और शिक्षाविद् मौलाना ग़ुलाम मोहम्मद वस्तानवी के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। मौलाना वस्तानवी का 4 मई को 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
मौलाना वस्तानवी के अभूतपूर्व योगदान को याद करते हुए प्रो. ख़ातून ने कहा कि मौलाना वस्तानवी, महाराष्ट्र के अक्कलकुवा में जामिया इस्लामिया इशाअतुल-उलूम के संस्थापक और रेक्टर थे। वे एक दूरदर्शी रहनुमा और संस्थान निर्माता थे। उनके प्रयासों से चिकित्सा, फार्मेसी, इंजीनियरिंग, कानून और शिक्षक परशिक्षण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अनेक विशेषीकृत कॉलेजों की स्थापना हुई। उनका निधन राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति है।
कुलपति ने उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षणिक संस्थाओं के निर्माण और संचालन में मौलाना के नेतृत्व और दूरदृष्टि की सराहना की। उन्होंने कहा कि एएमयू समुदाय की ओर से मैं उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।
प्रो-वाइस चांसलर प्रो. मोहम्मद मोहसिन ख़ान ने भी अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि मौलाना वस्तानवी ने जीवन भर वंचित समुदायों को ऊपर उठाने का कार्य किया। उन्होंने अस्पताल, और स्कूल, कॉलेज आदि की स्थापना कर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाया। यह कार्य हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।
एएमयू समुदा भी मौलाना वस्तानवी की असाधारण सेवाओं को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। धार्मिक और आधुनिक शिक्षा के समन्वय में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।